दो वर्ष पांच माह बाद योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की खबर ने कुछ विधायकों की आंखों की चमक जरूर बढ़ा दी थी, लेकिन कई मंत्रियों को कुर्सी छिन जाने का भी खतरा सताने लगा था। अचानक विस्तार टल जाने से मंत्रियों ने राहत की सांस ली। कुर्सी बचाने के लिए धर्मस्थलों से लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा के प्रभावी नेताओं के यहां परिक्रमा भी शुरू हो गई। हालांकि यह राहत कब तक मिलेगी कहा नहीं जा सकता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुछ मंत्रियों की कार्यशैली से नाराज हैं। बीते दिनों कई विभागों में हुए तबादलों को निरस्त करने के साथ ही कामकाज के तौर तरीकों पर भी उन्होंने सवाल उठाये। कुछ विभागों की शिकायत अधिकारियों ने भी की। सूत्रों के मुताबिक ऐसे विभागों के मंत्रियों पर तलवार लटक गयी है। जातीय समीकरण के चलते भले कुछ मंत्रियों की छुट्टी न हो, लेकिन उनका विभाग बदला जाना तय है। इसके अलावा गंभीर शिकायतों के चलते कुछ लोगों की कुर्सी भी जानी तय मानी जा रही थी। शुक्रवार से ही ऐसे लोगों की बेचैनी बढ़ गयी थी।
रविवार सुबह जब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर पहुंचे तभी से यह चर्चा तेज हो गई कि सोमवार को शपथ ग्रहण होगा। शाम तक मौखिक रूप से सूचना भी चलने लगी कि सोमवार को 11 बजे मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, लेकिन राजभवन ने रात को शपथ ग्रहण से अनभिज्ञता जतायी। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल सोमवार को दिल्ली चली गईं। मंगलवार को भी उन्हें दिल्ली में ही रहना है। इस स्थिति में कुर्सी छिन जाने के डर से बेचैन मंत्रियों को अपनी सफाई और बचाव का मौका मिल गया है। उनकी परिक्रमा भी तेज हो गयी है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ ही कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने योगी आदित्यनाथ तथा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने साथ बैठक के बाद इस मंत्रिमंडल का विस्तार को हरी झंडी थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल के विस्तार का रास्ता साफ हो गया है। मंत्रिमंडल के विस्तार में आधा दर्जन से अधिक मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना जताई जा रही है।