समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) भर्ती परीक्षा- 2023 को रद्द कराने के लिए शुक्रवार को प्रतियोगी छात्रों का आक्रोश फूट पड़ा। सुबह बड़ी संख्या में प्रतियोगी छात्र उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयेाग (यूपीपीएससी) के बाहर पहुंचे। दोपहर तक हुजूम और बढ़ गया। प्रतियोगियों की भीड़ ने आयोग के सभी गेटों को घेर लिया।
अभ्यर्थी देर रात तक आयोग के बाहर डटे रहे और आयोग में अफसर और कर्मचारी बंधक बने रहे। प्रतियोगियों भीड़ को देखते हुए कई थानों की पुलिस, पीएसी और अर्द्ध सैनिक बल को तैनात कर दिया गया। आयेाग के दोनों ओर के मार्गों पर बैरिकेडिंग करते हुए यातायात को डायवर्ट कर दिया गया। देर रात पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा और डीएम नवनीत सिंह चहल वार्ता के लिए पहुंचे लेकिन छात्र परीक्षा रद्द करने की मांग पर अड़े रहे।
आरओ/एआरओ की परीक्षा 11 फरवरी को प्रदेश के 58 जिलों में कराई गई थी। इस परीक्षा में 10,76,004 अभ्यर्थियों के सापेक्ष 64 प्रतिशत अभ्यर्थी बैठे थे। अभ्यर्थियों का आरोप है कि परीक्षा का पेपर लीक हो गया है। परीक्षा के दौरान ही गाजीपुर में अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया था। परीक्षा के अगले दिन से ही प्रतियोगी छात्रों ने आयोग के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया था। उनका आरोप है तमाम अभ्यर्थियों के पास इस परीक्षा की उत्तरकुंजी मिली थी, इसलिए परीक्षा रद्द की जाय।
अभ्यर्थियों की मांग को देखते हुए आयोग ने जांच के लिए आंतरिक कमेटी बना दी। अब तक उसकी रिपोर्ट नहीं आई है, लेकिन अभ्यर्थी इसे रद्द करने के लिए लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। शुक्रवार को छात्रों का प्रदर्शन उग्र हो गया। भारी संख्या में आयोग के बाहर पहुंचे अभ्यर्थियों को देखते हुए कई थानों की पुलिस और आरएएफ के जवान तैनात किए गए। फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी खड़ी की गई। प्रदर्शनकारियों से वार्ता करने के लिए आयोग के उप सचिव विनोद गौड़ आए।
उन्होंने बताया कि जांच पूरी होने पर ही निर्णय लिया जाएगा। प्रतियोगियों ने कहा कि उन्हें आयोग की जांच पर भरोसा नहीं है। पूर्व में हुई जांचों का अब तक कोई निर्णय नहीं आया। प्रदर्शनकारी प्रदेश सरकार विरोधी नारे लगाकर हंगामा कर रहे थे। कहा कि सिपाही भर्ती का भी पेपर लीक हुआ है।