जम्मू-कश्मीर से अभी और बंदियों को उत्तर प्रदेश की जेलों में स्थानान्तरित किये जाने की तैयारी है। जम्मू-कश्मीर से 30 और बंदियों को गुरुवार को आगरा की सेंट्रल जेल भेजे जाने के बाद अगली खेप को जल्द उत्तर प्रदेश भेजे जाने की तैयारी शुरू हो गई है। सूत्रों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर के उच्च अधिकारी बंदियों के स्थानान्तरण को लेकर लगातार गृह विभाग व कारागार मुख्यालय के अधिकारियों के संपर्क में हैं। प्रदेश की कुछ अन्य बड़ी जेलों में जम्मू-कश्मीर के बंदियों को रखे जाने के लिए सुरक्षा-व्यवस्था को पुख्ता करने की कसरत तेज कर दी गई है। उत्तर प्रदेश की छह जेलों में अब तक 180 बंदियों को जम्मू-कश्मीर से स्थानान्तरित किया जा चुका है।
जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 तथा 35ए से मुक्त किये जाने के बाद वहां की जेलों में बंद बंदियों को दूसरे राज्यों में भेजे जाने का रास्ता साफ हो गया था। नौ अगस्त को जम्मू-कश्मीर से 26 बंदियों की पहली खेप आगरा की सेंट्रल जेल लाई गई थी। इसके बाद प्रयागराज की नैनी जेल में 20, लखनऊ जेल में 24, अंबेडकरनगर जेल में 30, वाराणसी जेल में 30 व बरेली जेल में 20 बंदियों को स्थानान्तरित किया गया था। गुरुवार को आगरा सेंट्रल जेल में 30 और बंदियों को निरुद्ध कराया गया, जिसके बाद यहां जम्मू-कश्मीर के कुल बंदियों की संख्या 56 हो गई है।
जम्मू-कश्मीर में गड़बड़ी करने वालों की धरपकड़ तेज होने के बाद वहां के बंदियों को दूसरे राज्यों की जेलों में स्थानान्तरित करने का सिलसिला शुरू हुआ था। कारागार मुख्यालय ने जेलों के भीतर भी कई बंदियों की निगरानी बढ़ाई है। दरअसल, उत्तर प्रदेश की 71 जेलों में एक लाख से अधिक बंदी निरुद्ध है। मुरादाबाद, जौनपुर व ललितपुर जेलों में तो सबसे अधिक क्षमता से चार गुना ज्यादा कैदी हैं। मथुरा व सहारनपुर जेलों में क्षमता से तीन गुना अधिक बंदी हैं। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश की जेलों में जम्मू-कश्मीर से एक बार में अधिक संख्या में बंदियों को नहीं लाया जा रहा है। सुरक्षा के बंदोबस्त पूरे करने के बाद ही बंदियों के स्थानान्तरण की कार्रवाई पूरी कराई जा रही है।