आजकल छोटे बच्चों की अचानक स्कूल या फिर घर पर खेलने,कूदने,चलने व पढ़ने के दौरान मौत हो जा रही। हाल ही में अमरोहा में यूकेजी में पढ़ने वाली 7 साल की बच्ची को स्कूल में हार्ट अटैक आया और अस्पताल ले जाने तक उसकी मौत हो गई। इससे पहले मार्च में फिरोजाबाद में 8 साल के बच्चे की स्कूल में हार्ट अटैक से जान चली गई। वहीं दिसंबर 2023 में जयपुर के निजी स्कूल में एक 14 साल के बच्चे को स्कूल में प्रेयर के दौरान कार्डिएक अरेस्ट हुआ और वह बच नहीं सका।वहीं लखनऊ के अलीगंज में एक 9 साल के बच्चे को हार्ट अटैक आया और मौके पर ही उसके प्राण पखेरू उड़ गये।इतनी छोटी उम्र में हंसते-खेलते बच्चे इस तरह मौत के मुंह में क्यों समा रहे हैं इससे माता पिता परेशान हैं। इस बाबत सर गंगाराम अस्पताल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अश्विनी मेहता का कहना है कि वास्तविकता में यह हार्ट अटैक नहीं होता जैसा कि आमतौर पर लोगों को होता है, बल्कि यह सडन कार्डिएक डेथ होती है। बच्चों को 1 घंटे के अंदर-अंदर मौत हो जाती है। ये नॉर्मल हार्ट अटैक से अलग चीज है।