वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से पीड़ित ने मुकदमे में बिबेचक के ऊपर लगाया गम्भीर आरोप दिया शिकायती पत्र।

रमेश चन्द्र त्रिपाठी
जिला क्राइम रिपोर्टर गोरखपुर

गोरखपुर जनपद के सहजनवां तहसील अंतर्गत थाना हरपुर बुदहट क्षेत्र के प्रार्थी रामकिशुन द्वारा अपराध सं0-127/2024 अंतर्गत थाना हरपुर बुदहट में अभियुक्तगण के विरूद्ध धारा 406, 420, 504, 506 आई.पी.सी. के तहत दर्ज कराया गया। मुकदमें में विवेचक प्रवीण कश्यप द्वारा मुख्य अभियुक्त मकसूद अली राजस्व निरीक्षक कानूनगो, सहजनवों से कुछ घन का लाभ ले करके उनके खिलाफ आरोप पत्र नहीं भेजने के सम्बंध मेंपीड़ित ने बरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर से शिकायत किया और बताया कि हम प्रार्थी संतोष कुमार पुत्र रामकिशुन ग्राम जिगिना, थाना हरपुर बुदहट, जनपद गोरखपुर का स्थायी निवासी हूँ। प्रार्थी के विरोधी द्वारा एक साजिश के तहत रंजिश वश प्रार्थी की पुस्तैनी मकान का निर्माण के समय एक गलत प्रार्थना पत्र दे दिया था। जिसकी जांच अभियुक्त मकसूद अली राजस्व निरीक्षक तहसील सहजनवों को मिली थी अभियुक्त मकसूद अली द्वारा मौके का मुआयना करने के पश्चात् यह कहा गया कि प्रार्थी यदि उन्हें 20,000/- घूस दे देगा तो उसके मकान के सटे नवीन परती के जमीन को हम प्रार्थी के नाम प‌ट्टा कर देंगे। उनके बातों पर विश्वास करके हम प्रार्थी दूसरे दिन तहसील सहजनवों गये मकसूद अली कानूनगों के आफिस में गये तो मकसूद अली कानूनगो द्वारा मुझसे तत्काल में 20.000/- रू० मांगा गया हम प्रार्थी द्वारा बताया गया कि अभी मेरे पास 4500/- रू० है मगर ऑनलाइन है। तब अभियुक्त मकसूद अली द्वारा कहा गया कि गोलू राय के खाते में आप 4500/- ट्रांसफर कर दीजिए हम उनसे ले लेंगे और में सरकारी कर्मचारी हूँ मैं अपने एकाउंट में पैसा नहीं ले सकता हूँ। कानूनगो मकसूद अली की बात को मानकर मैंने गोलू राय के खाते में 4500/- रू० ट्रांसफर कर दिया।दो दिन बाद मकसूद अली का फोन आया कि बाकी का शेष रूपया लाकर दे दो तुम्हारा काम हो जायेगा। हम प्रार्थी ने पुनः 15,000/- रू० मकसूद अली को नकद कुआवल पुल पर दे दिया, जिसकी रिकार्डिंग हमारे मोबाइल में मौजूद है। जब एक सप्ताह बीत जाने के बाद जब हम प्रार्थी का काम नहीं हुआ तो हम प्रार्थी मकसूद अली के पास गये और काम के लिए कहा तो मकसूद अली ने मुझे गाली-गुप्ता देकर भगा दिया।तब हार मान करके तब हम प्रार्थी ने 156 (3) सी०आर०पी०सी० के तहत मा० न्यायालय से आदेश कराकर उपरोक्त एफ०आई०आर० अभियुक्तगण के विरुद्ध दर्ज कराया। उक्त प्रकरण के विवेचक उपनिरीक्षक प्रवीन कश्यप ने मकसूद अली कानूनगो से कुछ धन का लाभ ले करके गलत तरीके से अपना नाम उक्त केश से निकलवा लिया, जिसकी जानकारी प्रार्थी को क्षेत्राधिकारी गीड़ा महोदय से हुई। अभियुक्त मकसूद अली के विरूद्ध लगाये गये आरोप काफी संगीन है और साबित भी है परंतु विवेचक प्रवीन कश्यप द्वारा मकसूद अली के प्रभाव में आ करके उसका नाम विलोपित करके चार्जशीट दाखिल कर दिये हैं और विवेचक प्रवीन कश्यप द्वारा हमारे पिता से भी मुकदमा के संबंध में 5000/- रू० नकद लिया गया। विवेचक प्रवीन कश्यप मनबढ़ एवं भ्रष्ट पुलिस अधिकारी हैं जो हरपुर बुदहट थाने में लगभग तीन साल से कार्यरत हैं।ऐसी दशा में श्रीमान् जी से निवेदन है कि हमारे मुकदमें को पुनः किसी अन्य एजेंसी से व किसी अन्य थाने से विवेचना कराने की आवश्यक कार्यवाही करने की कृपा करें।अब देखना है कि इस मामले में क्या कार्यवाही हो पाती है।

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