राकेश टिकैत को हिरासत में लेने पर दिनभर मचा घमासान,

राकेश टिकैत को हिरासत में लेने पर दिनभर मचा घमासान, जानें वेस्ट यूपी के छह जिलों में क्या-क्या हुआ…भारतीय किसान यूनियन के नेता और कार्यकर्ताओं को बुधवार सुबह पुलिस ने परतापुर टोल प्लाजा पर रोकने का प्रयास किया, मगर किसान नहीं रुके और ग्रेटर नोएडा पहुंच गए। टप्पल में भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत को हिरासत में लिए जाने के विरोध में किसानों ने थानों में धरना दिया।पुलिस से धक्का-मुक्की और नोकझोंक भी हुई।

नोएडा जा रहे भाकियू कार्यकर्ताओं की मुजफ्फरनगर में खतौली के भंगेला चेकपोस्ट पर पुलिस के साथ धक्का-मुक्की हुई। जिलाध्यक्ष नवीन राठी के नेतृत्व में कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए। हाईवे पर लंबा जाम लग गया। इसके बाद पुलिस पीछे हटी और किसान नोएडा के लिए रवाना हो गए। राकेश टिकैत की गिरफ्तारी के विरोध में किसानों ने भौराकलां थाने पर धरना प्रदर्शन किया। पुलिस ने जिलेभर में कई भाकियू नेताओं को घर में ही नजरबंद भी किया।

मेरठ से भाकियू के जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी काफी संख्या में किसानों को लेकर ग्रेटर नोएडा पहुंचे। दोपहर में राकेश टिकैत को ग्रेटर नोएडा जाने से रोके जाने और टप्पल में पुलिस हिरासत में लिए जाने के विरोध में किसानों ने मेरठ जनपद के 14 थानों में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। चौधरी ने कहा कि समस्याओं के निदान और राकेश टिकैत की रिहाई होने तक थानों पर धरना जारी रहेगा।

बिजनौर में ग्रेटर नोएडा कूच कर रहे किसानों को पुलिस प्रशासन ने उनके घर, कुछ को गंगा बैराज घाट, चांदपुर, नांगल सोती क्षेत्र में रोका। भाकियू टिकैत पश्चिमी प्रदेश सचिव दिनेश कुमार के गांव चमरौला, ब्लाक अध्यक्ष गांव सराय आलम, अजय कुमार को शहजादपुर में ही पुलिस ने नजरबंद कर दिया। प्रदेश सचिव जितेंद्र पहलवान, पश्चिमी यूपी महासचिव चौधरी कुलदीप सिंह, जिला उपाध्यक्ष चौधरी मुनेंद्र सिंह के नेतृत्व में कई गाड़ियों के काफिले से नोएडा जाने वाले किसानों को पुलिस ने गंगा बैराज पर रोक लिया। राकेश टिकैत को गिरफ्तार करने की सूचना पर बिजनौर के काफी किसान पुलिस को चकमा देकर निकल गए।

सहारनपुर में किसानों को पुलिस प्रशासन ने चमारीखेड़ा टोल प्लाजा पर रोक दिया। इस दौरान किसानों की एसडीएम और सीओ से बहस भी हुई, लेकिन प्रशासन ने उन्हें नहीं जाने दिया। करीब एक घंटे तक टोल पर अधिकारियों और भाकियू नेताओं के बीच बहस होती रही, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। किसानों ने टोल प्लाजा की लेन में ही दरी बिछाकर धरना शुरू कर दिया। पश्चिम प्रदेश प्रवक्ता चौधरी रघुवीर सिंह और जिला अध्यक्ष नरेश स्वामी का कहना था कि प्रशासन हठधर्मिता पर उतरा हुआ है। दोपहर 12 बजे किसान धरना समाप्त कर लौट गए।

शामली से भाकियू जिलाध्यक्ष कालेंद्र मलिक समेत 100 से अधिक किसान अलग-अलग स्थानों से गाड़ियों में सवार होकर पुलिस को चकमा देकर निकले। भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष कपिल खाटियान समेत पांच किसानों को लांक चौकी पर पुलिस ने रोक लिया। अधिकारियों से वार्ता कर 15 मिनट बाद उन्हें छोड़ा गया। इसके बाद वे ग्रेटर नोएडा के लिए निकले। कई नेताओं को पुलिस ने उनके घर पर ही नजरबंद रखा।

बागपत में दिल्ली-सहारनपुर, मेरठ-बागपत नेशनल हाईवे समेत अन्य मार्गों पर किसान नेताओं को रोकने के लिए पुलिसबल तैनात रहा तो किसान नेताओं को घर पर ही रोकने के लिए पुलिस अधिकारी पहुंच गए। भाकियू के प्रदीप धामा, हिम्मत सिंह, इंद्रपाल, नीरज ढ़ाका, विनोद चौधरी, अंकित ठाकुर, भाकियू अजगर के सचिन शर्मा समेत काफी नेताओं को हिरासत में लेकर कोतवाली लाया गया। इसको लेकर कई जगह हंगामे की स्थिति भी बनी रही।

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