Krishna Janmashtami 2019 : अपने-अपने कान्हा, अपनी-अपनी जन्माष्टमी[[[[[[[[[[[[[[[

भले ही श्रीकृष्ण जन्मस्थान, द्वारिकाधीश, गोकुल, वृंदावन के इस्कान, चंद्रोदय, राधारमण मंदिर सहित अधिकांश मंदिरों में 24 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जा रही है, लेकिन कुछ मंदिर ऐसे हैं जिनमें एक दिन पहले 23 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। इसमें बिहारीजी मंदिर, नंदभवन, नंदगांव और प्राचीन केशवदेव मल्लपुरा मंदिर प्रमुख हैं। इन मंदिरों के सेवायतों ने 23 अगस्त की रात जन्माष्टमी मनाने के अपने-अपने तर्क भी दिए हैं। इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए मंदिरों को सजाने-संवारने का भी काम चल रहा है। इन मंदिरों में श्रद्धालु अच्छी खासी-संख्या में आते हैं।

बांके बिहारी मंदिर

ठा. बांकेबिहारी मंदिर वृंदावन में 23 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी। बांकेबिहारी मंदिर में एक दिन पहले जन्माष्टमी मनाए जाने के पीछे नक्षत्र को कारण बताया जा रहा है। मंदिर सेवायत श्रीनाथ गोस्वामी ने बताया कि किसी भी उत्सव को मनाने के लिए कोई तिथि को मान्य करते है तो कोई नक्षत्र को। इसलिए भ्रम होना स्वाभाविक है। शास्त्रों में उल्लेख है या तिथि उदय काले ता तिथि शुभगा भवेत। जो तिथि उदय काल में हो वह पूरे समय के लिए मान्य और शुभ होती है। भगवान कृष्ण का जन्म भाद्र कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि रोहिणी नक्षत्र दिन बुधवार को अर्धरात्रि में माना गया है। बताया कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 23 और 24 अगस्त को मनाई जा रही है। इस विषय पर विवाद, भ्रम की आवश्यकता नहीं है। 23 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्म और तिथि का विशेष योग है। इसलिए तिथि विशेष को ध्यान में रखते हुए श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 23 अगस्त को मनाया जा रहा है।

प्राचीन केशवदेव मंदिर

प्राचीन केशवदेव मंदिर मल्लपुरा में भी श्रीकृष्ण जन्मोत्सव 23 अगस्त की रात मनाया जाएगा। सेवायत मुन्नीलाल गोस्वामी कहते हैं कि कृष्ण का जन्म रोहणी नक्षत्र सप्तमी में रात 12 बजे हुआ था। वासुदेव भगवान कृष्ण को गोकुल छोड़कर आए थे। जब भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का पता चला तो अष्टमी लग चुकी थी। इस कारण मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव 23 अगस्त की रात मनाया जा रहा है। मंदिर में श्रद्धालुओं को जन्म के दर्शन रात 12 से एक बजे तक हो सकेंगे।

मंदिर ठाकुर श्रीकेशव देवजी महाराज

ब्रज के प्राचीन मंदिर ठाकुर श्रीकेशव देवजी महाराज में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव 23 से 25 अगस्त तक चलेगा। प्रथम दिन शाम सात से 12 बजे तक मंदिर प्रांगण में श्रीकृष्ण सामूहिक संकीर्तन मंडल व बाहर से आए कलाकारों द्वारा भजन संध्या होगी। अभिषेक रात 10 से 11 बजे तक चलेगा। जन्म के दर्शन रात 12 से एक बजे तक होंगे। भगवान के अभिषेक के बाद नई पोशाक धारण कराई जाएगी। पोशाक कोलकाता के कारीगरों की ओर से तैयार की गई है। भगवान के लिए सोना, चांदी, पन्ना आदि रत्न जड़ित नया हार बनाया गया है, जिसे जन्म के दर्शनों में धारण कराया जाएगा। समस्त आगंतुकों को प्रसाद वितरण किया जाएगा। 24 अगस्त को मंदिर के सेवायत गुसाई बालकों द्वारा बधाई गायन किया जाएगा। दर्शकों द्वारा सुंदर भजन प्रस्तुत किए जाएंगे और प्रसाद का वितरण चलता रहेगा। 25 अगस्त को भगवान के रजत पालना में सुबह छह से दोपहर एक बजे तक दर्शन होंगे। भगवान का नंद महोत्सव एवं बधाई गायन सुबह 10 से एक बजे तक चलेगा। इसमें भक्तों को बधाई बांटी जाएगी तथा प्रसाद वितरण किया जाएगा।

नंदभवन, नंदगांव

नंदभवन, नंदगांव में 23 अगस्त को ही जन्माष्टमी मनाई जाएगी। यहां खुर गिनती से जन्माष्टमी मनाई जाती है। खुर गिनती का मतलब रक्षा बंधन से आठवां दिन होता है। सेवायत दीपक गोस्वामी ने बताया कि ने बताया कि मान्यता है कि नंदबाबा पढ़े लिखे न होने पर कान्हा के जन्मदिन खुर गिनती से मनाते थे। आज भी उसी प्राचीन परंपरा का नंदगांव के लोग निर्वहन करते आ रहे हैं। 23 अगस्त की शाम को भवन में भजन संध्या, वंशावली, ढाढ़ी ढांढिन लीला का आयोजन किया जाएगा। रात्रि 11 बजे मंदिर के सेवायत गर्भगृह में प्रवेश करेंगे और रात 12 बजे कान्हा का अभिषेक कराया जाएगा।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर एसी में दर्शन करेंगे श्रद्धालु

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर आने वाले श्रद्धालु श्रीकृष्ण जन्मस्थान स्थित गर्भगृह और केशवदेव मंदिर में सुगम दर्शन कर सकेंगे। इन मंदिरों को वातानुकूलित किया जा रहा है। मंदिरों में एसी लगने से श्रद्धालुओं को गर्मी से राहत मिलेगी। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की तैयारियां जन्मभूमि पर उत्साह के साथ चल रही हैं। मंदिरों को सजाया-संवारा जा रहा है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखकर गर्भगृह में एयरकंडीशन लगाया जा रहा है। इसके साथ ही केशवदेव मंदिर को भी वातानुकूलित किया जा रहा है।

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