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सीतापुर में बेटी जिंदा जलाने की है ये दूसरी वारदात जिसमे पीड़िता की नही लिखी गयी सीतापुर कोतवाली पुलिस द्वारा एफ.आई. आर. और न ही आरोपी के खिलाफ समय से की गई कोई कार्रवाई
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इसके पहले भी तंबौर पुलिस और सीओ बिसवां द्वारा न ही एफ.आई. आर.लिखी गयी थी और न ही कोई कार्रवाई की गई थी। उसमें भी आरोपियों ने मायके आयी विवाहिता को जिंदा जला दिया था जिसका संज्ञान डी जी पी ने लिया था
एक तरफ जहां योगी सरकार स्कूलों कालेजो मे पुलिस कर्मियों को भेजकर बेटियों को जागरूक कर रही है सेल्फ डिफेंस (आत्म रक्षा) के लिए उन्हें बताया जा रहा है यदि कोई गुण्डा, बदमाश(शोहदा) बेटियों को छेड़े परेशान करे तो बेटियां अपनी सुरक्षा स्वंय कर सके इसलिए उन्हें जागरूक भी किया जा रहा है उन्हें डायल 100, 1090, 181 महिला हेल्पलाइन की जानकारी भी दी जा रही है कि बेटियां जरूरत पड़ने पर पुलिस से सहायता ले सकें। वहीं दूसरी तरफ सीतापुर पुलिस योगी सरकार का मजाक उड़ा रही है। सीतापुर पुलिस पीड़ित बेटियों की थाने व कोतवाली जाने पर न तो उनकी शिकायत दर्ज करती है और न ही उनको परेशान करने वालों पर कोई कार्रवाई करती है। और वारदात घटित हो जाने पर कहती है पीड़ित बेटी ने कोई तहरीर नही दी*
बीते कुछ महीने पहले ही सीतापुर के तंबौर थाना क्षेत्र के एक गांव में गुरूवार को एक विवाहिता से छेड़छाड़ हुई थी इसकी शिकायत थाना तंबौर और सीओ बिसवां से की गई थी लेकिन पुलिस ने कोई करवाई नही की थी इसी से मनबढ़ होकर 2 सगे भाई रामू और राजेश ने शनिवार सुबह लगभग 10 बजे गांव के बाहर विवाहित को गन्ने के खेत मे आग के हवाले कर दिया था। गंभीर अवस्था मे मायके आयी 20 वर्षीय विवाहिता को जिला अस्पताल सीतापुर लाकर भर्ती कराया गया था। तूल पकड़ते मामले को डी जी पी ने संज्ञान लिया था। जिसके बाद आई जी रेंज सुजीत पाण्डेय ने लगभग 11:30 बजे जिला अस्पताल पहुंचकर पीड़िता से घटना की पूरी जानकारी ली थी फिर उन्होंने तंबौर जाकर घटनास्थल का मुआयना किया था और मौके पर ही पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी को आवश्यक दिशा निर्देश दिये थे। प्रथम दृष्ट्या की गई जांच में पता चला था कि वारदात की पुनरावृत्ति आरोपितों ने आग लगाकर की थी। कार्रवाई न कर लापरवाही बरतने के मामले तंबौर थानाध्यक्ष ओ पी सरोज, चौकी इंचार्ज मनोज कुमार और थाने के मुंशी छेदीलाल को निलंबित कर दिया गया था चूंकि पीड़ित पक्ष का यह भी कहना था कि उसने सीओ बिसवां को भी प्रार्थनापत्र दिया था लेकिन सीओ बिसवां के द्वारा भी पीड़िता की कोई मदत नही की गई थी। इसलिए सीओ बिसवां भी जांच के दायरे में आये थे।पीड़िता ने डायल100 को बुलाया था। डायल100 मौके पर पहुंची भी थी। इसी के बाद डायल100 टीम ने दोनों पक्षो को थाने चलने के लिए कहा था। पीड़ित पक्ष ने थाने जाकर हाल बताया था लेकिन कोई भी कार्रवाई नही हुई थी। इसी के बाद पीड़ित परिवार सीओ बिसवां के पास भी फरियाद लेकर पहुंचा था लेकिन तंबौर पुलिस की ओर से कोई भी कार्रवाई नही की गई थी। तब यदि तंबौर पुलिस समय रहते कार्रवाई कर देती तो निश्चित तौर से ये वारदात न घटित होती। तब घटना में शामिल दोनो आरोपियों के विरुद्ध एन एस ए लगाने के निर्देश मौके से ही आई जी सुजीत पाण्डेय द्वारा जारी किए गए थे
सीतापुर पुलिस की खास बात: रिकॉर्ड में नही दर्ज होते हैं शिकायती पत्र
तब भी आई जी ने थाने के रिकॉर्ड को खंगाला था तो पता चला था कि रजिस्टर पर इस तरह के किसी शिकायती पत्र का कोई उल्लेख नही था। इतना ही नही कई और रिकॉर्ड अधूरे मिलने की जानकारी भी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को मिली थी।
20 अगस्त मंगलवार को शहर कोतवाली सीतापुर के शाह महोली चौकी के अंतर्गत हाजीपुर गांव में एक नाबालिक लड़की के साथ गांव के ही गोलू पुत्र सुदर्शन ने छेड़छाड़ कर दी थी जिसकी शिकायत लड़की ने शाहमहोली पुलिस चौकी व कोतवाली सीतापुर से की थी।कोतवाली सीतापुर पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न किये जाने से मनबढ़ युवक ने बुधवार को देर रात नाबालिक लड़की के घर मे घुसकर उस पर मिट्टी का तेल छिड़क कर आग लगा दी थी जिसे ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना देते हुए जिला अस्पताल सीतापुर में भर्ती कराया था। जहां चिकित्सकों ने उसकी हालत गंभीर देखते हुए ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया था। जहाँ 22 अगस्त गुरूवार को सुबह लड़की को देखने ए डी जी राजीवकृष्ण सीओ हजरतगंज अभयकुमार मिश्र के साथ गये थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार लड़की की मृत्यु हो गयी है। लड़की की यह हालत सीतापुर पुलिस की लापरवाह कार्यशैली के चलते हुई है। यदि सीतापुर कोतवाली पुलिस समय रहते शिकायत को संज्ञान में लेकर उचित कार्रवाई करती तो निश्चित ही यह वारदात न घटित होती?
जहां एक तरफ प्रधानमंत्री बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का अभियान चला रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की सीतापुर पुलिस द्वारा धज़्ज़ियाँ उडाई जा रही हैं।
सीतापुर में पूर्व में हुई तंबौर की वारदात की पुनरावृत्ति हाजीपुर में हुई।
।।छमा करना, दिल दुखा हो
अगर किसी भी व्यक्ति का।
संविधान ने दिया मुझको
अधिकार ये अभिव्यक्ति का।।