बुलंदशहर हिंसा : जेल से रिहा होते ही आरोपितों का फूल-मालाओं से जोरदार स्वागत, लगे नारे

पिछले वर्ष तीन दिसंबर को स्याना की चिंगरावठी पुलिस चौकी के पास हुई हिंसा में जेल गए सात आरोपितों की जमानत पर जेल से रिहाई होते ही वंदेमातरम, भारत माता के जयकारों के साथ हिंदू संगठन के पदाधिकारियों ने फूल-माला पहनाकर जोरदार स्वागत किया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।

तीन दिसंबर को स्याना के महाव गांव में गोवंश के अवशेष बरामद होने के बाद चिंगरावठी पुलिस चौकी के पास हिंसा भड़क गई थी, जिसमें स्याना कोतवाल सुबोध कुमार सिंह और चिंगरावठी गांव निवासी सुमित की गोली लगने से मौत हो गई थी। इस प्रकरण में पुलिस ने 27 आरोपितों को नामजद करते हुए 60 अज्ञात आरोपितों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। मामले में एसआइटी व पुलिस 44 आरोपितों को जेल भेज चुकी है। इस प्रकरण में हाईकोर्ट से हिंसा व राजद्रोह की धारा में कई आरोपितों की जमानत हो चुकी है।

शनिवार को सीजीएम न्यायालय से सात आरोपितों के रिहाई का परवाना शनिवार देर रात जिला कारागार पहुंचा। सात आरोपित जीतू फौजी, शिखर धवन, उपेंद्र राघव, हेमू गुर्जर, सौरभ, सचिन व राजकुमार को जेल से रिहा कर दिया गया। रिहा होते ही उनके स्वागत में खड़े हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने फूल मालाएं पहनाकर उनका स्वागत किया और भारत मां की जय, वंदे मातरम नारे लगाकर जोरदार स्वागत किया। देर रात घर पहुंचे आरोपितों का ग्रामीणों ने भी स्वागत किया। 

सरकार और भाजपा का लेना-देना नहीं ः केशव

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बुलंदशहर हिंसा के आरोपितों के जेल से रिहा होने पर स्वागत के संबंध में कहा कि इसका न तो सरकार से कोई लेना-देना है और न पार्टी से। विपक्ष को इस मुद्दे को राई का पहाड़ नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने कहा यदि किसी आरोपित के समर्थक जेल से उसके बाहर आने पर स्वागत करते हैं तो इसमें सरकार क्या कर सरकती है। विपक्ष इस बात को बेवजह तूल न दे।

पिछले साल दिसंबर में हुई थी बुलंदशहर हिंसा

तीन दिसंबर, 2018 को बुलंदशहर में स्याना के चिगरावठी में गोकशी के बाद हिंसा भड़क गई थी। हिंसा के दौरान सुबोध कुमार और सुमित कुमार की मौत हो गई थी। एसआइ सुभाष चंद्र ने 27 नामजद और 50- 60 अज्ञात के खिलाफ स्याना कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जेल में बंद सातों आरोपितों को हाल ही में हाइ कोर्ट से जमानत मिल गई है।

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