थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) आज (शुक्रवार) को श्रीनगर दौरे पर जाएंगे। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद सेना प्रमुख पहली बार वहां जा रहे हैं। आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत इस दौरान कश्मीर घाटी में हालात से निपटने के लिए सुरक्षा स्थिति और सुरक्षाबलों की तैयारियों की समीक्षा करेंगे। एक दिन पहले ही रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी जम्मू-कश्मीर से अलग हुए लद्दाख में गए थे।
रक्षामंत्री ने पाकिस्तान को दिया करारा जवाब
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद गुरुवार को पहली बार लद्दाख का दौरा किया था। वह लेह में किसान, जवान विज्ञान मेले के उद्घाटन अवसर पर पहुंचे थे। यहां उन्होंने पाकिस्तान की धमकियों पर कड़ा जवाब दिया था। उन्होंने कहा था पीओके ही नहीं गिलित-बल्टिस्तान भी भारत का हिस्सा है। उन्होंने पाकिस्तान से पूछा था कि कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा था ही कब, जो उसको लेकर रोते रहते हो? मालूम हो कि भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि अब पाकिस्तान से बात होगी तो पीओके को लेकर होगी।
कश्मीर के हालात का लेंगे जायजा
जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद हालात किस तरह है, आर्मी चीफ अपने दौरे में इसका जायजा लेंगे। पाकिस्तान लगातार एलओसी पर सीज फायर उल्लंघन कर रहा है। भारतीय सेनाएं भी पाकिस्तानी गोलाबारी का मुंहतोड़ जवाब दे रही हैं। सीमा पर युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं। पाकिस्तान लगातार युद्ध की धमकी दे रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि सेनाध्यक्ष कश्मीर दौरे के दौरान सीमा पर सुरक्षा हालात का भी जायजा लेंगे और ताजा स्थितियों की समीक्षा करेंगे। इस लिहाज से उनका कश्मीर दौरा बेहद अहम माना जा रहा है।
घुसपैठ की कोशिश में पाकिस्तान
कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने से बौखालाया पाकिस्तान लगातार भारत के खिलाफ साजिश रच रहा है। गुरुवार को ही खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है कि पाकिस्तानी सेना के कमांडो गुजरात के समुद्र तटीय इलाकों के रास्ते भारत में घुसपैठ करने का प्रयास कर रहे हैं। इससे पहले खुफिया एजेंसियों ने घाटी में घुसपैठ की फिराक में बैठे आतंकियों को लेकर अलर्ट जारी किया था। सीजफायर उल्लंघन के बीच आतंकियों को घुसपैठ से रोकना सेना के लिए बड़ी चुनौती है। जनरल बिपिन रावत अपने दौरे में सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से इस पर भी चर्चा कर सकते हैं।
खत्म हो रही घाटी से पाबंदीगुरुवार को जम्मू के पांच जिलों में मोबाइल सेवा बहाल कर दी गई है। केंद्र सरकार जल्द से जल्द जम्मू व कश्मीर के अन्य जिलों से भी संचार सेवाओं पर लगी पाबंदियां हटाना चाहती है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में नजरबंद नेताओं को भी रिहा करना केंद्र सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। संचार सेवाएं बहाल होने और स्थानीय नेताओं के आजाद होते ही घाटी की शांति खतरे में पड़ने की आशंका है। इसे लेकर भी सेनाध्यक्ष तैयारियों और मौजूदा हालातों का जायजा लेंगे।