सपा सांसद आजम खां की बड़ी बहन को पुलिस पकड़कर महिला थाने ले गई। हिरासत में उनसे चार घंटे तक मौलाना मुहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के अकाउंट के बारे में पूछताछ की। इसके विरोध में महिलाओं ने एसपी आवास प्रदर्शन किया। चार घंटे बाद पुलिस ने उनको महिला थाने से छोड़ दिया। पूछताछ में उन्होंने ट्रस्ट की कोषाध्यक्ष होने की जानकारी से ही इन्कार किया। देर शाम तबीयत बिगड़ने के बाद उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पुलिस टीम शुक्रवार दोपहर दो बजे गंज थाना क्षेत्र में आजम खां की बड़ी बहन निकहत अफलाक के घर पहुंची और उन्हें हिरासत में लेकर गाड़ी से महिला थाने ले गई। जहां उनसे चार घंटे तक पूछताछ की गई। वह 78 साल की हैं और सेवानिवृत्त शिक्षक हैं। इसकी जानकारी मिलने के बाद गुस्साई महिलाओं ने उन्हें हिरासत में लिए जाने के विरोध में एसपी आवास पर प्रदर्शन भी किया। शाम को छह बजे परिजन उनसे मिलने पहुंचे, तब उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया।
एसपी अजय पाल शर्मा ने बताया कि आजम खां के खिलाफ जौहर यूनिवर्सिटी के लिए जमीन कब्जाने के 30 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इन सभी मामलों की विवेचना स्पेशल टीम कर रही है। टीम ने यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को नोटिस देकर पूछा था कि जमीन के संबंध में उनके पास जो रिकॉर्ड हैं, वे उपलब्ध करा दें, लेकिन रजिस्ट्रार ने रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के बजाय यह कह दिया कि यह जमीन यूनिवर्सिटी को मौलाना मुहम्मद अली जौहर ट्रस्ट ने दी है। उसके पास ही जमीन के सारे रिकॉर्ड हैं। ट्रस्ट की कोषाध्यक्ष आजम खां की बहन निकहत अफलाक हैं। इसलिए टीम ने उनसे पूछताछ की है कि जौहर ट्रस्ट के अकाउंट से किस किसान को कितना भुगतान किया गया।
पूछताछ में निकहत अफलाक ने ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष होने की जानकारी से ही इन्कार किया है। यहां बता दें कि आजम खां मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष हैं। वह पहले ही कह चुके हैं कि उन्होंने सारी जमीन पैसे देकर खरीदीं हैं। वहीं देर शाम तबीयत खराब होने पर उनका अस्पताल में चिकित्सकीय परीक्षण कराया गया।
नमाज पढ़ते वक्त ननद को घीसटते ले गई पुलिस : तजीन फात्मा
सांसद आजम खां की पत्नी राज्यसभा सदस्य डॉ. तजीन फात्मा ने कहा कि पुलिस प्रशासन उनके परिवार को अपमानित करने में लगा है। शुक्रवार को तो जुल्म की इंतेहा हो गई। आजम की 78 साल की बड़ी बहन को नमाज पढ़ते वक्त घर से घसीटते हुए पुलिस ले गई। अब हम इसके विरोध में सत्याग्रह या बड़ा जन आंदोलन करेंगे।
राज्यसभा सदस्य ने शुक्रवार शाम आवास पर मीडिया से वार्ता में कहा कि हमें परेशान करने में पुलिस प्रशासन कोई कमी नहीं छोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमने कामधेनु योजना के तहत डेयरी लगाई है, जो मेरे नाम से है। इसके लिए स्टेट बैंक की शाखा से लोन भी लिया है। इसके बावजूद पुलिस दो दिन से हमारी डेयरी पर जा रही है। कर्मचारियों से पूछताछ करती है कि भैंसें कहां से आती हैं। मैं सांसद हूं और मेरी डेयरी पर जाकर सिपाही पूछताछ करते हैं।