पिछले साल सन 2018 में अक्टूबर माह में विवेक तिवारी हत्याकांड गोमतीनगर थाने के 2 सिपाहियों ने अंजाम दिया था। वैसा ही एक दूसरा वाक्या लखनऊ पुलिस ने फिर किया
दरोगा जी ने शराब के नशे में अपनी अल्टो कार
UP21 AC1375 से पीड़ित एडवोकेट अविनाश मिश्रा की किनारे खड़ी अर्टिगा कार में शराब के नशे में मारी जोरदार टक्कर वर्दी के रौब में पीड़ित की बुजुर्ग मां श्रीमती कमलेश मिश्रा पे ताना रिवाल्वर। दरोगा जी ने शिवम मिश्र की छीनी सोने की चेन, शराब के नशे में अपने आप फाड़ी अपनी वर्दी और खुद ही बनाया अपना वीडियो। पीड़ित की पत्नी श्रीमती सृष्टि मिश्रा ने डायल 100 नंबर पे सूचना दी। लेकिन डायल 100 से पीड़ित परिवार की किसी भी प्रकार की मदत नही की गई। उल्टा थाना हसनगंज पुलिस ने पीड़ित एडवोकेट अविनाश मिश्रा, उनके बुजुर्ग पिता सत्रुघ्न प्रसाद मिश्रा, व उनके छोटे भाई शिवम मिश्रा को उठा ले गयी। थाना हसनगंज पुलिस द्वारा (दरोगा जी)का पक्ष लिया जा रहा है। व उल्टा पीड़ित एडवोकेट अविनाश मिश्रा व उनके बुजुर्ग सेवानिवृत्त पिता सत्रुघ्न प्रसाद मिश्रा, व उनके छोटे भाई शिवम मिश्रा पे थाना हसनगंज पुलिस द्वारा फर्जी मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। पीड़ित की पत्नी श्रीमती सृष्टि मिश्रा की नही लिखी जा रही है एफ आई आर। पीड़िता सृष्टि मिश्रा थानेदार से कर रही है फरियाद।
क्या यही राजधानी की मित्र पुलिस है?
जब रक्षक ही बन जाएंगे भक्षक तो कैसे मिलेगा आम जनता को न्याय?
अब तो सिर्फ राजधानी के निष्पक्ष व ईमानदार न्यायप्रिय एस एस पी कलानिधिनैथानी व उत्तर प्रदेश के डी. जी. पी. श्री ओम प्रकाश सिंह से ही है न्याय की उम्मीद